रांची: झारखंड में विधानसभा चुनावों के बाद इंडिया ब्लॉक के नवनिर्वाचित विधायकों की रविवार को सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर अहम बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस और झामुमो समेत सहयोगी दलों के कई प्रमुख नेता मौजूद थे। बैठक का मुख्य एजेंडा नई सरकार के मंत्रिमंडल गठन को लेकर था। सूत्रों के मुताबिक, इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
चार मंत्री हारने के बाद नए चेहरों की एंट्री
हेमंत सरकार के चार कैबिनेट मंत्री—बन्ना गुप्ता, बेबी देवी, बैद्यनाथ राम, और मिथिलेश ठाकुर—इस चुनाव में अपनी सीटें गंवा चुके हैं। अब उनके स्थान पर नए चेहरों को शामिल करने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार, नए मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर 26 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह के पहले लग सकती है।
राजद की बेहतर प्रदर्शन के साथ बढ़ी हिस्सेदारी
इस बार के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चार सीटें जीती हैं, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रदर्शन के बाद राजद ने मंत्रिमंडल में अपनी दावेदारी मजबूत कर दी है। संभावित नामों में संजय सिंह यादव, संजय यादव (गोड्डा), और सुरेश पासवान (देवघर) शामिल हैं। अंतिम फैसला राजद नेता तेजस्वी यादव करेंगे।
झामुमो के संभावित उम्मीदवार, अनंत प्रताप देव पर नजरें
झामुमो के मंत्रियों का चयन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद करेंगे। चर्चा है कि मौजूदा मंत्रियों में से दीपक बिरूआ और हफीजुल अंसारी को दोबारा मौका दिया जा सकता है। वहीं, नए चेहरों में रामदास सोरेन, दशरथ गगरई, मथुरा महतो, सबिता महतो, और स्टीफन मरांडी जैसे नामों के साथ अनंत प्रताप देव का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
अनंत प्रताप देव, जो लंबे समय से झारखंड की राजनीति में सक्रिय हैं, भवनाथपुर क्षेत्र में झामुमो के प्रभाव को और मजबूत कर सकते हैं। देव के नाम पर चर्चा का मुख्य कारण उनका अनुभव और सामाजिक समीकरणों में उनकी मजबूत पकड़ है। उनकी छवि एक सुलझे हुए नेता की है, जो आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच एक पुल का काम कर सकते हैं। झामुमो के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि उन्हें कैबिनेट में शामिल करने से पार्टी के आधार को और मजबूती मिलेगी।
महिला और अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व बढ़ाने की तैयारी
मंत्रिमंडल में महिला और अल्पसंख्यक वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व देने की योजना है। महिला कोटे से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह और अल्पसंख्यक कोटे से इरफान अंसारी का नाम संभावित है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता का चयन लंबित
कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक भी रविवार को प्रदेश कार्यालय में हुई, लेकिन विधायक दल के नेता का चयन नहीं हो सका। प्रदेश प्रभारी गुलाम मीर अहमद ने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय कांग्रेस आलाकमान करेगा। बैठक के दौरान सभी विधायकों ने अपने क्षेत्र की समस्याएं भी साझा कीं।
आलाकमान की मुहर का इंतजार
झामुमो और कांग्रेस की इन बैठकों से स्पष्ट है कि मंत्रिमंडल गठन में सहयोगी दलों की भूमिका अहम होगी। अनंत प्रताप देव जैसे सशक्त नेताओं के नामों पर चर्चा यह संकेत देती है कि झामुमो इस बार संतुलित और मजबूत नेतृत्व देने के लिए प्रतिबद्ध है। अब सभी की नजरें हेमंत सोरेन और कांग्रेस आलाकमान पर हैं, जो यह तय करेंगे कि नई सरकार में किसे मौका मिलेगा। 26 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह के साथ झारखंड में नई सरकार का स्वरूप सामने आएगा।